लखनऊ, जेएनएन। रियल एस्टेट सेक्टर को पूरी तरह नियोजित करने के लिए रियल एस्टेट रेग्यूलेटिंग अथॉरिटी (रेरा) को और मजबूत करने की मांग पुरजोर तरीके से उठी है। राज्यों के रेरा अध्यक्षों की बैठक के बाद कॉनक्लेव के सत्रों में भी कानून में संशोधन के लिए विशेषज्ञों ने बिंदु सुझाए। यूपी रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि कानून में संशोधन के लिए सरकार तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने भी सहमति दे दी है।
कॉनक्लेव के बाद पत्रकारों से बातचीत में यूपी रेरा अध्यक्ष ने बताया कि अलग-अलग सत्रों में रियल एस्टेट की चुनौतियों, वित्तीय और विधिक व्यवस्था पर चर्चा हुई। सुझाव आए हैं कि डेवलपर की तरह रेरा सरकारी संस्थाओं से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र में देरी या अन्य मुद्दों पर जवाब मांग सके। इसके अलावा ग्राहक अलग-अलग फोरम में जाएं, इससे बेहतर हो कि सभी फोरम साथ जुड़कर काम करें।
राजीव कुमार ने बताया कि सभी सत्रों की रिपोर्ट के आधार पर सुझाव और कानून में संशोधन के प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। पंद्रह दिन में सरकार को सौंप देने का प्रयास है। मुख्यमंत्री ने अन्य कमेटियों की संस्तुतियों पर भी जल्द निर्णय का आश्वासन दिया है। रेरा के सदस्य बलविन्दर कुमार ने बताया कि बायर्स के हित में संबंधित मौजूदा कानून में संशोधन जरूरी हो गया है। संशोधन से रियल एस्टेट सेक्टर में और तेजी से सुधार होगा।
सिर्फ आवासीय क्षेत्र में ज्यादा समस्या
एक सवाल पर यूपी रेरा अध्यक्ष का कहना था कि ऐसा नहीं कि सभी जगह रियल एस्टेट की स्थिति खराब है। व्यावसायिक और ऑफिस स्पेस की स्थिति आवासीय से काफी बेहतर है। उनका कहना था कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्वे कराया गया तो पता चला कि 25 फीसद प्रोजेक्ट में कोई परेशानी नहीं है। आम्रपाली सहित 14-15 फीसद प्रोजेक्ट का पैसा कहीं और डायवर्ट हुआ, जबकि 50 फीसद प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जो सभी के सहयोग से आसानी से पूरे किए जा सकते हैं। यह भी बतायारेरा की ई-कोर्ट का मॉडल तैयार। जल्द शुरू होगी व्यवस्था।
- रेरा की ई-कोर्ट का मॉडल तैयार। जल्द शुरू होगी व्यवस्था।
- किसी प्रोजेक्ट में विलंब होने पर रेरा एक्ट में प्रावधान है कि ग्राहक ब्याज सहित पूरा पैसा लेकर हट सकते हैं या प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज लेते रह सकते हैं।
- रेरा ने रेटिंग एजेंसी क्रिसिल से करार किया है। एजेंसी द्वारा रेरा में पंजीकृत परियोजनाओं की रेटिंग की जाएगी।
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