रेरा कांक्लेव की पूर्व संध्या पर अध्यक्षों के साथ केन्द्रीय सचिव ने की बैठकलखनऊ। प्रमुख संवाददातारेरा की मजबूती के लिए उसे और ताकत मिल सकती है। जरूरी हुआ तो कानून में संशोधन भी किया जाएगा। यह संकेत रविवार को केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने दिया है। वह सोमवार को होने वाली पहली रेरा कान्क्लेव की पूर्व संध्या पर रविवार को 17 राज्यों के रेरा प्राधिकरणों के अध्यक्षों, सदस्यों तथा अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सवाल उठ रहा है कि रेरा को उतनी ताकत दी नहीं गई है जितनी दी जानी चाहिये। उम्मीद जताई कि रेरा के पहले कॉन्क्लेव में कुछ ऐसी बातें निकल कर सामने आएंगी जिससे रेरा एक्ट में बदलाव किया जा सके। रेरा को ऐसी शक्ति देने पर विचार हो रहा है जिससे वो आगे कड़े कदम उठा सके। रेरा में अब तक 40 हजार मामले पंजीकृत हो चुके हैं। इसमें देखाना होगा कि कहां किस नियम व अधिनियम में बदलाव की जरूरत है। नान प्लानिंग एरिया में प्रोजेक्ट चिंतनीयबैठक में गुजरात रेरा के चेयरमैन डॉ. अमरजीत सिंह ने नॉन प्लानिंग एरिया में बड़ी संख्या में शुरू होने वाले प्रोजेक्ट पर चिंता जताई। कहा कि यह प्रोजेक्ट आने वाले समय में बड़ी समस्या खड़ी कर सकते हैं। मध्य प्रदेश रेरा अध्यक्ष एंथनी डे सा ने रेरा अथॉरिटीज के रीजनल फोरम के बनाने पर जोर दिया। रेरा कानून को नई दिशा मिलने की उम्मीदउत्तर प्रदेश रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने प्रथम रेरा कॉन्क्लेव के बारे में जानकारी दी। कहा कि इसमें पांच सत्रों में रियल एस्टेट सेक्टर की चुनौतियों, फाइनेंसिंग, कानूनी प्रकिया, रेरा और अन्य सरकारी तंत्रों के बीच सांमजस्य, ग्राहकों के पक्ष आदि बिंदुओं पर चर्चा होगी। इससे रेरा कानून को एक नई दिशा मिलेगी। इस मौके पर उत्तर प्रदेश रेरा के सचिव अबरार अहमद, महाराष्ट्र रेरा अध्यक्ष गौतम चटर्जी, हरियाणा रेरा के अध्यक्ष केके खंडेलवाल, केरल रेरा के अध्यक्ष पीएच कुरियन आदि मौजूद रहे।
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